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ओवर लोड कोयला की ढुलाई का हिस्सा किन किन तक पहुंचा

बी जी आर इंफ्रा लिमिटेड कंपनी के द्वारा ओवर लोड कोयला ढुलाई से सरकारी राजस्व में करोड़ों का गड़बड़ झाला

 

ओवर लोड की चार वर्ष और 5महिने तक लगातार ढुलाई के बाद ज़िला प्रशासन को दिखी ओवर लोड

ओवर लोड ढुलाई से निकलने वाले सरकारी राजस्व की बंदर बाट के कितने है हिस्सेदार

पाकुड़ से स्पेशल रिपोर्ट: पाकुड़ जिले में वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के उत्खनन कंपनी बी जी आर इंफ्रा लिमिटेड ने ट्रांसपोटिंग के माध्यम से वर्ष 2019से लेकर 2023के मई महीने तक भरपूर तरीके से ओवर लोड ढुलाई रात दिन बडे़ पैमाने पर जारी रखें इस मामले पर जिला प्रशासन अनजान और अनभिग्य थी पर जैसे ही यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय पहुंचा की ज़िला प्रशासन की नीद खुली और बैठक का दौर शुरू हुआ और ओवर लोड की सूरत बदली और अंडर लोड की नोटिस ट्रांसपोर्ट के ओनर को मिला इसके पश्चात डंफर एसोसिएशन के द्वारा अंडर लोड किए जाने पर भाड़ा में बढ़ोतरी को लेकर चक्का जाम का फैसला लिया अंतत बी जी आर इंफ्रा लिमिटेड कंपनी ने आंशिक भाड़ा में बढ़ोतरी को तैयार हुई इस बी जी आर इंफ्रा लिमिटेड कंपनी के द्वारा क़रीब वर्ष 2019से वर्ष 2023 के जून महीने तक प्रती डंफर करीब 10टन से ज्यादा ओवर लोड लेकर पाकुड़ लोडिंग साइड तक पहुंचती थी प्रति डंफर के हिसाब से 1000*10=10, 000 टन प्रतिदिन दिन रात ओवर लोड जारी रहने से सरकार के राजस्व का अनुमानित 30, लाख का नुकसान राजस्व को होता आया है जिसे प्रतिमाह का आकलन करे तो अनुमानित=9कारोड़ के आसपास हो सकता है जिसे वर्ष वार देखा जाए तो यह अकड़ा 108 कारोड़ के आसपास आकलन की जा सकती है और इसकी अनुमानित चार वर्ष 5महीने में 427 करोड़ के आसपास सरकारी राजस्व को चुना लगने के एक अनुमानित लागत आंकी गई है आखिर इन ओवर लोड से होने वाले सभी राजस्व की बंदरबाट किन किन अधिकारियो तक पहुंचती रही हैं और किन किन अधिकारियो के संरक्षण में ओवर लोड ढुलाई को अंजाम दिया गया है यह एक जवलंत और निष्पक्ष प्रश्न चिन्ह है

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Author: Jharkhand Nama

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