झारखंड राज्य फसल राहत योजना को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
झारखंड नामा/अमित कुमार दास पाकुड़/झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत कृषकों के पंजीकरण एवं आवेदन की प्रक्रिया विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया सेमिनार की अध्यक्षता उपायुक्त नैंसी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित की गई इस मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड फसल राहत योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत कृषकों को प्रकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। खरीफ एवं रबी फसलों के लिए कृषकों को अलग-अलग निबंध करना होता है। वर्तमान रब्बी खेती के मद्देनजर निबंधन प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कृषकों को प्रोत्साहित करने को कहा। कृषकों की सही पहचान कर सत्यापन के क्षेत्रीय पदाधिकारियों से करने एवं निबंध प्रक्रिया में राजस्व कर्मियों तथा प्रज्ञा केन्द्रों को क्षेत्रीय स्तर पर काम करने का निर्देश उपायुक्त ने दिया। साथ ही पैकस के माध्यम से गोदाम धान के स्टॉल तथा वास्तविक स्टॉल का सत्यापन करने का निर्देश दिया। साथ हीं उन्होंने संबंधित आंचल एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया।
इस मौके पर जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि, खरीफ फसल मौसम 2023-24 हेतु निबंधन एवं आवेदन प्रारंभ है। योजना के तहत सी.एस.सी. के द्वारा आवेदन करने वाले पूर्व से निबंध किसानों को आवेदन हेतु ₹10/- मात्र एवं नए निबंध और आवेदन करने वाले किसानों को ₹40/- मात्र ही देना है। स्वयं ऑनलाइन निबंधन और आवेदन करने वाले किसानों एवं सी.एस.सी के द्वारा आवेदन करने वाले किसानों को इ- के.वाई.सी. के लिए, सी.एस.सी. को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना है।
*******झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना****
झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जानेवाली एक योजना है। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में किसानों को एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इस योजना से भू-स्वामी तथा भूमिहीन किसान यानि बटाईदार किसान दोनो लाभान्वित होगे। इस योजना के तहत किसानों से किसी भी प्रकार के फसली प्रिमियम नहीं लिया जाना है।इन्हें सीधे तौर पर सरकार द्वारा फसल क्षति होने की स्थिति में आर्थिक सहायता निम्नांकित प्रावधानों के तहत की जायेगी* :-(i) योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होनेवाले फसल क्षति के मामले में लागू होगा(1I) योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निकान एवं आवेदन करना होगा।(III) योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रिमियम नहीं देना होगा।(IV) प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण कॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट (सीसीई)के द्वारा किया जायेगा।(v) तीस से पचास प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ रूपया तीन हजार की सहायता राशि दी जायेगी।(VI) पचास प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदन को प्रति एकड़ रूपये चार हजार की सहायता राशि दी जायेगी।(VII) अधिकतम पाँच एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जायेगी।
****योजना के अंतर्गत आवेदन करने की पात्रता***(1) झारखण्ड राज्य के सभी रयत एवं बटाईदार किसान जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो आवेदन कर सकते है।(2) आवेदक किसान का वैद्य आधार संख्या होना चाहिए।(3) कृषि कार्य करने से संबंधित वैद्य भूमि दस्तावेज (भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्थ रसीद / राजस्व विभाग से निर्गत बदोवस्ती पट्टा / बटाईदार किसान द्वारा भूमि स्वामी सहमति पत्र )(4) निबंधन न्यूनतम दस डिसमिल एवं अधिकतम पाँच एकड़ तक किया जा सकता है।(5) आवेदक किसानों को अपनी आधार संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करनी होगी।(6) यह योजना किसानों के लिए स्वैच्छिक है।
*ऑनलाईन पंजीकरण एवं आवेदन के लिए आवश्यक सूचनाएं एवं दस्तावेज(i) आधार संख्या, मोबाईल नंबर आधार संबद्ध बैंक खाता विवरण।(ii) अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद।(iii) वंशावली / मुखीया / ग्राम प्रधान / राजस्व कर्मचारी / अचल अधिकारी द्वारा निर्गत।(IV) सरकारी भूमि खेती करने हेतु राजस्व विभाग निर्गत दोस्ती पट्टा।(v) घोषणा पत्र रयत एवं बटाईदार द।(VI) बटाईदार किसान द्वारा सहमति पत्र।(VII) पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुआई के रकवा का पूर्ण विवरण◆ पंजीकरण एवं आवेदन हेतु आवेदन https://jrfry.jharkhand.gov.in पर स्वयं अथवा नजदीकी प्रज्ञा केन्द्र में किया जा सकता है। इस हेतु सी०ए०सी० के द्वारा आवेदन करने वाले पूर्ण सेन किसानों को आवेदन दस रूपये मात्र एवं नये निबंधन और आवेदन करनेवाले किसानों को मात्र चालीस रुपये देना है।◆किसानों के आवेदन उपरांत अंचल उप निरीक्षक एवं अंचल शत-प्रतिशत आवेदन एवं विवरण सत्यापन करेंगे। अंचलाधिकारी रैंडम तरीके से पच्चीस प्रतिशत किसानों का सत्यापन करेंगे। अपर समाहर्ता द्वारा दस प्रतिशत किसानों की सूची का सत्यापन किया जायेगा तथा उपायुक्त द्वारा भौतिक सत्यापन के लिए डी०एल०सी०सी० को कम से कम दो प्रतिशत किसानी की सूची सौंपी जायेगी।
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Author: Jharkhand Nama
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