कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण व कृषक संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
झारखंड नामा/अमित कुमार दास/पाकुड़/रामगढ़: कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण दिनांक 31 अक्टूबर (मंगलवार) को वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से मुख्य अतिथि डा. हिमांशु पाठक, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने अतिविशिष्ट अतिथि डॉ एस.के. चैधरी, उप-महानिदेशक (एन.आर.एम.), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली एवं डॉ यू. एस. गौतम, उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली कि गरिमामय उपस्थिति में किया।
इस आयोजन का शुभारंभ अतिविशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलीत कर किया गया एवं इस क्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र् द्वारा प्रकाशित अर्द्धवार्षिक न्यूजलेटर एवं जिले किसानों के सफलता की कहानी पुस्तिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। डॉ अनुप दास, निदेशक, भा.कृ.अनु.प. का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने कार्यक्रम अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र परिचय एवं विगत वर्षो के कार्य उपलब्धि से अवगत कराया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ में किसानों को गुणवत्तायुक्त उन्नत किस्मों के फलदार वृक्ष के पौधे एवं बेमौसमी सब्जियों के पौधे उपलब्ध कराने हेतु हाईटेक नर्सरी का भी उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में आये अतिविष्ट अतिथियों द्वारा केन्द्र परिसर में पौध रोपण किया गया। साथ ही ‘‘पोषण सुरक्षा हेतु फसल विविधीकरण‘‘ विषयक कृषक संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डॉ हिमांशु पाठक, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली ने वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्य की सराहना करते हुए कहा कृषि के बदलते स्वरूप, मृदा स्वास्थ, बाजार की मांग एवं प्रसंस्करण को ध्यान में रखकर किसानों को कृषि कि नवीनतम तकनीक की जानकारी के प्रसार में कृषि विज्ञान केन्द्र का निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होनें किसानों को केन्द्र से जुड़कर वैज्ञानिक तरीके से खेती कर आय में वृद्धि करने की सलाह दी। मुख्य अतिथि महोदय के बातों का समर्थन करते हुए कहा कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि डॉ एस. के. चौधरी, उप-महानिदेशक (एन.आर.एम.), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली ने उपस्थित सभी किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ से कृषि की नई तकनीको की जानकारी प्राप्त कर उसे किसान दर किसान विस्तारित करने की बात कही और किसानों को खेती के अलावा पशुपालन को भी अपनाने पर बल दिया। डॉ. यू. एस. गौतम, उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली ने कृषि में महिलाओं कि भागीदारी की सराहना करते हुए युवाओं को भी कृषि के क्षेत्र में अग्रसर होकर कृषि को ही व्यवसाय के रूप अपनाकर आमदनी में वृद्धि का सुझाव दिया। डॉ. अंजनी कुमार, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-अटारी, पटना नें किसानों को नई तकनीकों के चयन, लाभकारी खेती एवं मांग आधारित उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के महत्व को समझाया। इस अवसर पर 20 प्रगतिशील किसानों को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के पूर्व प्रभारी डॉ. डी. के. राघव को केन्द्र एवं कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान अदिवासी उपयोजना के अंतर्गत आदिवासी किसानों को छोटे कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। गोष्ठी के माध्यम से किसानों को कम पानी एवं सुखा सहन करने वाली किस्मों, चारा उत्पादन, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थय, परती भूमि एवं धान के कटाई के बाद दुसरी फसल लगाने पर जोर दिया। कृषि प्रर्दषनी में जिले के विभिन्न विभागों के द्वारा स्टाल लगाकर अपने-अपने विभाग के द्वारा चलाई जा रही योजनओं तथा उपलब्धियों के बारे में किसानों तथा आगन्तुओं को अवगत कराया। इस कार्यक्रम में शोध केन्द्र, प्लाण्डू राँची के प्रधान डॉ ऐ.के. सिंह ने किसानों को एकीकृत प्रणाली अपनाकर अपनी आय बढ़ाने पर बल दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया। अतिथियों एवं किसानों ने कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ के प्रक्षेत्र का परिभ्रमण कर विभिन्न तकनीकीयों एवं प्रदर्शन इकाईयों से अवगत हुए। कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक डॉ बिकास सरकार, भा.कृ.अनु.प. का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानकि सह प्रधान डॉ सुधांशु शेखर, विभिन्न विभागों के पदाधिकारीं, माण्डू के अमरेन्द्र कुमार गुप्ता के साथ-साथ जिला के विभिन्न गाँव के 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया।