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कल्पतरु दिवस पर सत्य सनातन संस्था ने हजारों लोगों के बीच प्रसाद स्वरूप किया भोजन का वितरण

कल्पतरु दिवस पर सत्य सनातन संस्था ने हजारों लोगों के बीच प्रसाद स्वरूप किया भोजन का वितरण

झारखंड नामा /पाकुड़ /पाकुड़:- कल्पतरु दिवस पर सत्य सनातन संस्था पाकुड़ ने सोमवार 1 जनवरी को शहर के थानापाड़ा स्थित हनुमान मंदिर के निकट पूजन सह प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे के नेतृत्व में पूजा अर्चना के उपरांत तलवाडांगा स्थित महाकाल शक्तिपीठ मंदिर परिसर में कल्प वृक्ष के समीप कल्पतरु की बैदीक मन्नत्रोचारण के साथ पूजा अर्चना की गई।पूजा पुरोहित रोहित दास के द्वारा विधि विधान के साथ की गई।पूजा के बाद अनुमानित 10 हजार लोगों के बीच भोजन वितरण कार्यक्रम किया गया।साथ ही कार्यक्रम में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया गया। तथा हनुमान चालीसा का वितरण भी किया गया, कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी रामरंजन सिंह, बिभाष मिश्रा, प्रदीप अग्रवाल, सागर चौधरी, चंदन प्रकाश,सनातनी अजय,जवाहर सिंह, उदय लखवानी,प्रसन्ना मिश्रा,राहुल सिंह,बबलू सिंह,विक्की श्रीवास्तव, रवि भगत, सत्यम भगत,विशाल भगत, बमभोला उपाध्याय,हर्ष कुमार भगत,भरत कुमार, मिंटू गिरी, राहुल कुमार, रामप्रताप सिंह,मंटू पांडे , ओम प्रकाश साह,अभिजीत कुमार, विशाल कुमार, विशाल भगत, सत्यम भगत, अमित साहा,संतोष कुमार, जितेंद्र सिन्हा,अजय यादव, गौतम कुमार, बबलू सिंह, प्राण भट्टाचार्य,पिंटू दास, मातृशक्ति रक्षा रानी, दुलाली मंडल,देविका कुमारी सहित अन्य मौजूद थे। संस्था के अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे ने कहा कि नर सेवा की नारायण सेवा है। इसी उद्देश्य के साथ संस्था की ओर भोजन स्वरूप प्रशाद का वितरण किया जा रहा है। जहां लोग अपनी सभ्यता भूल कर जिस अंग्रेज ने भारत को 200 वर्ष तक गुलाम बनाए रक्खा,और आजादी के लिए ना जाने कितने लोगो ने अपना बलिदान दिया, उसे भूल कर, आधुनिकता के चकाचौंध में , पश्चिम सभ्यताओं के मोह माया में आकर अधिकतर लोग में अपने परिवार के साथ अग्रेजी नववर्ष मानते है,पिकनिक का आनंद उठाते है वही कुछ लोग भूखे रह जाते है। इसी को लेकर संस्था ने कल्पतरू दिवस के उपलक्ष्य में प्रसाद स्वरूप भोजन वितरण कर रही है। आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा। प्रसाद वितरण कार्यक्रम में लोगों की काफी भीड़ देखी गई। लोगों ने बारी बारी से लंबी कतार में खड़ा होकर प्रसाद ग्रहण किया।

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Author: Jharkhand Nama

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