पाकुड़िया हनुमान मंदिर में राम कथा के तीसरे दिन की राम कथा सुनकर हुए भक्ति से विभोर
झारखंड नामा संवाददाता राजकुमार गौतम पाकुड़िया/ (पाकुड़) 22 जनवरी को राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में पाकुड़िया हनुमान मंदिर में राम कथा के तीसरे रोज राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। व्यास गौतम जी महराज ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इपाकुड़िया (पाकुड़) 22 जनवरी को राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में पाकुड़िया हनुमान मंदिर में राम कथा के तीसरे रोज राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। व्यास गौतम जी महराज ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम गौतम जी ने संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया। मौके पर भाजपा नेता पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन सहित बड़ी संख्या में पहुंचे राम भक्तो ने कथा सुनकर भाव विभोर हो गए। फोटो -स धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम गौतम जी ने संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया। मौके पर भाजपा नेता पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन सहित बड़ी संख्या में पहुंचे राम भक्तो ने कथा सुनकर भाव विभोर हो गए।