तीन दिवसीय सोहराय महोत्सव का डीसी – एसपी ने किया शुभारंभ
मांदर की थाप पर झूमे डीसी- एसपी, सरहूल पर जल, जंगल संरक्षण एवं स्वच्छता का दिया संदेश
पारंपरिक रीति रिवाज के साथ की गई पूजा अर्चना
जल हम बना नहीं सकते लेकिन जल को बचा तो सकते हैं। सोहराय महोत्सव के अवसर पर आई हम प्रण ले की जल की एक-एक बूंद को हम बचाएंगे और आने वाले कल को सवारेंगे। जल अमृत समान है इसे हम बर्बाद ना करें और व्यर्थ ना बहाए, घरेलू स्तर पर हम किचन गार्डन बनाकर सोखता गड्ढा बनाकर इसका संचयन कर सकते हैं। जल का वर्षा के पानी को हम घरेलू स्तर पर सूखता गड्ढा बनाकर मैजिक पिट बनाकर जल को संरक्षित कर सकते हैं:-डीसी
उपायुक्त श्री मनीष कुमार* ने कहा कि संथाल में आने के बाद हमने प्रण लिया है कि संथाली भाषा हम जरूर सीखेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी का जो एक सपना है पारंपरिक कल्चर को बढ़ावा देने का हमलोग उस ही दिशा में एक सही कदम उठा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी का सपना है कि सबको साथ लेते हुए सबके सपनों को साकार करते हुए सबके साथ पहुंचते हुए सबका सम्मान करते हुए विकास करना। जिस प्रकार से उन्होंने मैया सम्मान की योजना लाई उसी प्रकार से सभी प्रकार के पर्व त्यौहार महोत्सव का सम्मान करते हुए हम सभी को अपने जिले को आगे बढ़ाना है। इसमें सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित मिला है। उपायुक्त ने कहा कि इस साल पाकुड़ जिले में अच्छी फसल हुई इसके लिए सभी किसान बंधुओं को बधाई देता हूं। उपायुक्त ने उपस्थित सभी अभिभावकों से अपील किया कि अपने बच्चों को विद्यालय जरूर भेजें। इस बार पाकुड़ जिला को बोर्ड की परीक्षा में टॉप फाइव में लाना है।
पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार ने कहा कि यह त्यौहार मवेशियों के सम्मान में मनाया जाता है। सोहराय पशुधन के प्रति आभार और स्नेह व्यक्त करने का दिन है। सोहराय पर्व से ही संताली सभ्यता व संस्कृति अब भी जीवित है। कहा कि मान्यता है कि मनुष्य के सुखमय जीवन में कृषि और जीव जंतु की पूजा की जाती है।
वहीं कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री महेश कुमार संथालिया, परियोजना निदेशक, आईटीडीए श्री अरुण कुमार एक्का, अनुमंडल पदाधिकारी श्री साईमन मरांडी आदि ने सोहराय पर्व मनाने के विषय में अपना अपना विचार रखकर प्रकाश डाला