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महेशपुर के बांसलोय नदी से मिली देवी लोलिता की प्राचीनतम मूर्ति राज्य संग्रहालय का बढ़ाएगी शोभा-उपायुक्त मनीष कुमार 

महेशपुर के बांसलोय नदी से मिली देवी लोलिता की प्राचीनतम मूर्ति राज्य संग्रहालय का बढ़ाएगी शोभा-उपायुक्त मनीष कुमार 

झारखंड नामा /पाकुड़ /14 मई 2024 को महेशपुर के कुलबोना गांव में बासलोय नदी से बालु उठाव के क्रम में अचानक कौतुहल का केंद्र बन गया जब मजदूरों को काले पत्थर की एक प्राचीन मुर्ति मिली। मुर्ति को प्रशासन ने तत्काल सुरक्षित रूप से जिला कोषागार, पाकुड़ में रखा

मुर्ति की पहचान अग्नि पुराण में वर्णित भगवान शिव की पत्नी लोलिता देवी के रूप में की गई है। यह मुर्ति क्लोरिटाइड फाइलाइट से बनाई गई है

अधीक्षण पुरातत्वविद् (एएसआई, रांची सर्किल) के निर्देशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, रांची सर्किल की एक टीम, जिसमें डॉ. नीरज कुमार मिश्रा, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् श्री महाबीर ब्रम्हचारी, ड्राफ्ट्समैन ग्रेड-1, पुरातत्व निदेशालय, झारखंड राज्य के अधिकारी श्री मनोज कुमार शामिल थे। संयुक्त रूप से दिनांक 04-11-2024 को ग्राम- कुलबोना, ब्लॉक- महेशपुर जिला- पाकुड़ में बासलोई नदी से प्राप्त देवी ललिता की मूर्ति का निरीक्षण किया जिसे अब राज्य संग्रहालय, होटवार, रांची में प्रदर्शित करने के लिए कोषागार, पाकुड़ से स्कॉट कर आज ले जाया गया। 

उपायुक्त श्री मनीष कुमार ने कहा कि महेशपुर प्रखंड के साथ-साथ पूरे पाकुड़ जिला के लिए यह गौरव का क्षण है, क्योंकि पूरे झारखंड में इस तरह का स्थापत्य कला की यह पहली मुर्ति पाई गई है

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Author: Jharkhand Nama

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