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लोहरदगा ज़िला का स्थापना दिवस बडे़ धूमधाम से मनाया गया

जंगल, जमीन, नदी को बचाना हमारी जिम्मेवारी, तभी होगा पर्यावरण में सुधार : डॉ रामेश्वर उराँव

व्यवसायिक व एैतिहासिक रूप से लोहरदगा जिला का गौरवशाली इतिहास

लोहरदगा जिला की 40वीं वर्षगांठ पर माननीय मंत्री ने कहा

विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करनेवालों को किया गया सम्मानित

पद्मश्री मुकुंदलाल नायक और मधु मंसूरी हँसमुख ने दी प्रस्तुति

लोहरदगा जिला की 40वीं वर्षगाँठ आज ललित नारायण स्टेडियम में मनायी गयी। इस मौके पर स्टेडियम में स्टार्टअप मेला-सह-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ रामेश्वर उरांव, माननीय मंत्री, वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक मामले, विभाग झारखण्ड द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस मौके पर मुख्य मंच पर पद्मश्री मुकुंद लाल नायक, मधु मंसूरी हंसमुख, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र बहादुर पाल, उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण, पुलिस अधीक्षक आर रामकुमार, जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, सांसद प्रतिनिधि अशोक यादव, सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल, बिशुनपुर विधायक प्रतिनिधि सुखदेव उरांव, विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, सुखैर भगत, युवा नेता रोहित उरांव समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में  मंत्री ने कहा कि लोहरदगा जिला में प्राकृतिक संपदा भरपूर है। यहां नदियां हैं, हरे भरे जंगल हैं। लेकिन अब मौसम में काफी बदलाव आया है। मानसून अब देर से आता है। पर्यावरण बिगड़ रहा है। नदी, जंगल, जमीन को बचाना हम सभी की जिम्मेवारी है तभी पर्यावरण में सुधार आएगा। 

वर्ष 1901 में लोहरदगा जिला को रांची सदर ले जाया गया, तब से रांची जिला हो गया। वर्ष 1972 में सब-डिवीजन बनाया गया और 1983 में रांची और लोहरदगा जिला अलग-अलग हो गया। लोहरदगा जिला बनाने और लोहरदगा जिला में बड़ी रेल लाईन बिछाने में स्वर्गीय शिपप्रसाद साहू का महत्वपूर्ण पहल रही। जब में पुलिस सेवा में रहा तो यहां पदस्थापित रहा। जोनल डीआईजी रहते हुए भी इस जिला में आना-जाना रहा। राजनीति में आने के बाद पार्टी के निर्देश पर लोहरदगा से चुनाव लड़ा और यही मेला कर्मक्षेत्र रहा। 

लोहरदगा जिला का एक व्यवसायिक और एैतिहासिक महत्व है। ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश इंडिया के समय यह प्रमुख केंद्र रहा। शेरघाटी, चतरा लोहरदगा जशपुर औ रायपुर उस समय महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करते थे। यहां वर्ष 1983 के समय जनजातीय समूहों को महत्वपूर्ण निवास स्थल हुुआ करता था। लेकिन बाद में स्थितियों में सुधार आता गया। लोहरदगा जिला बनने के बाद यहां पांच प्रखण्ड बने, बाद में कैरो और पेशरार प्रखण्ड बना। 

आज जिला में स्टेडियम हैं, खेल के क्षेत्र में प्रतिभाएं निखर कर बाहर आ रही हैं। आज बिजली की सुविधा है, सड़के अच्छी बन गई हैं, पावर सब-स्टेशन का निर्माण हुआ है।  मंत्री ने लोहरदगा जिला के अच्छे भविष्य की कामना की।

आनेवाले 10 वर्षों में और बेहतर होगा लोहरदगा : राजेंद्र बहादुर पाल

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र बहादुर पाल ने कहा कि आनेवाले 10 वर्षों में और बेहतर होगा यही कामना है। हम सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यक्तिगत व सामूहिक प्रयास करना होगा। यहां की खूबसूरती बनी रहे इसके लिए हमें आगे आना होगा। यहां के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस भटकाव से बचने की जरूरत है। नैतिक व शारीरिक पतन से बचना होगा। जिला के विकास की गति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।

लोहरदगा वीरों की भूमि : डॉ  वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा कि लोहरदगा वीरों की भूमि रही है शहीद पाण्डेय गणपत राय यहां जन्मे और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी शहीद हुए। बाबू वीर कुंवर सिंह की बहन लोहरदगा जिला में ब्याही गयीं यहां के युवाओं के उर्जा है प्रतिभा है। यहां के युवा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिला को पहचान दिला रहे हैं। प्रकृति की ओर से लोहरदगा जिला को असीम सुंदरता मिली है। 

बेहतर कार्य करनेवाली महिलाओं को मिला सम्मान*

लोहरदगा जिला में अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करनेवाली महिलाओं को जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम में अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह व पौधा देकर सम्मानित किया गया। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में प्लस टू राजकीयकृत कस्तूरबा उच्च विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य रश्मि तिर्की, एकलव्य आवासीय मॉडल उच्च विद्यालय कुजरा की प्राचार्या अमृता मिश्रा, सहायक अध्यापिका रूबी एक्का उत्क्रमिक प्राथमिक विद्यालय कुटमू, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ दीप्ति माल्विका कुजूर, जीएनएम सबीता कुजूर, समाजसेवा के क्षेत्र में होप संस्था की मनोरमा एक्का, पत्रकारिता के क्षेत्र में नूतन कच्छप को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। 

*विजेता व उप विजेता टीमों को किया गया पुरस्कृत*

दिनांक 14.05.2023 से आयोजित हो रहे विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं जिसमें क्रिकेट, फुटबॉल, कुश्ती, बैडमिंटन और एथलेटिक्स के विजेताओं व उप विजेताओं (टीम व एक प्रतियोगिता) को मुख्य मंच से पुरस्कृत किया गया  कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पद्मश्री मुकुंद लाल नायक और मधु मंसूरी हंसमुख द्वारा दी गई प्रस्तुति रही जिसका लोगों व अतिथियों ने भरपूर आनंद लिया। जिला प्रशासन की ओर से दोनों कलाकारों का सम्मान भी किया गया।

आज मेला में कुल 26 स्टॉल लगाये गये थे जिनमें नगर परिषद के चार, जेएसएलपीएस के तीन, हिंडाल्को का एक और अन्य शिक्षा विभाग के थे उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा मेला का निरीक्षण भी किया गया

आज के कार्यक्रम में सभी जिला परिषद सदस्य, सभी प्रखंड प्रमुख व अन्य गणमान्य उपस्थित थे

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Author: Jharkhand Nama

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