जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन
उपायुक्त, पाकुड़ वरुण रंजन के द्वारा जिला सांख्यिकी हस्तक पुस्तिका का विमोचन किया गया
पाकुड़: जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, अनूप कुजूर के उपस्थिति में समाहरणालय सभागार में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण -सह- कार्यशाला का आयोजन किया गया जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र की आवश्यकताओं, इसका पंजीकरण करने की अवधि, संबंधित पदाधिकारी, अपीलीय पदाधिकारी की कार्य शक्तियां एवं दायित्व इत्यादि, महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे अत्यावश्यक दस्तावेज के रूप में अपनाने पर बल दिया
21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर निःशुल्क प्रमाणपत्र होगा प्राप्त | इस दौरान बताया गया कि जन्म और मृत्यु की घटनाओं के 21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर निःशुल्क प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है । 21 दिन के पश्चात विलंबित पंजीकरण का भी प्रावधान है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र पर, पंचायत कार्यालय में, नगर परिषद मे, सदर अस्पताल में, रेफरल अस्पताल में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र देश के बाहर, ट्रेन, हवाई जहाज पर पानी जहाज में घटी जन्म-मृत्यु की घटनाओं के निबंधन के लिए अलग प्रावधान है। कार्यशाला में बताया गया कि सामान्य मृत्यु पर निबंधन देश के बहार हुए घटनाओं को छोड़कर भी जन्म निबंधन की भांति कराया जाता है एवं तत्संबंधित जन्म- मृत्यु निबंधन केन्द्र से प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत् ही प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटनाओं को सीआरएस. पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है प्रशिक्षण के दौरान उपायुक्त, पाकुड़ वरुण रंजन के द्वारा जिला सांख्यिकी हस्तक पुस्तिका का विमोचन किया गया एवं प्रशिक्षण सामग्री का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम को मुख्य रूप से तीन सत्र में विभाजित कर प्रशिक्षित किया गया- आरबीडी एक्ट 1969 जेएच- 2009 की जानकारी पावर ऑफ प्रेजेंटेशन सीएसआर पोर्टल एवं चर्चाा प्रश्नोत्तरी के रूप में किया गया।
जन्म निबंधन कराना इसलिए आवश्यक है – जन्म की तिथि एवं स्थान का प्रमाणिक दस्तावेज स्कूल में प्रवेश हेतु राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने हेतु, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में विदेश यात्राओं के लिए पासपोर्ट बनाने में, मताधिकार प्राप्त करने के लिए, वृद्धावस्था बालिका समृद्धि सुकन्या योजना एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड के लिए, देश के वर्तमान जनसंख्या की स्थिति हेतु।
मृत्यु का निबंधन क्यों आवश्यक है – मृत्यु तिथि का प्रमाणिक दस्तावेज है पैतृक संपत्ति के दावे का निराकरण हेतु, कोर्ट कचहरी हेतु, जीवन बीमा, बैंक खाते हेतु, दुर्घटना में मुआवजा हेतु, चिकित्सा विज्ञान के विकास हेतु, जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने हेतु। उक्त कार्यशाला में कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद कौशलेश कुमार यादव, जिला पंचायती राज पदाधिकारी महेश कुमार राम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अंजू कुमारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पाकुड़, सभी प्रखंड सांख्यिकी पर्य वेक्षक, सभी पंचायत सचिव, समेत जन्म-मृत्यु से जुड़े जिला सांख्यिकी का सुभाष दास, प्रवीण कुमार, रोहित सिंह एवं प्रेम सुजीत तिग्गा आदि उपस्थित थे